यश बढ़ जायेगा जीवन संवर जायेगा और तुम सुखी हो जाओगे।। यश बढ़ जायेगा जीवन संवर जायेगा और तुम सुखी हो जाओगे।।
तो तू भी है मेरे चारों धाम। माँ तुझे सलाम, माँ तुझे सलाम।। तो तू भी है मेरे चारों धाम। माँ तुझे सलाम, माँ तुझे सलाम।।
राष्ट्रभाषा हिन्दी पर कविता राष्ट्रभाषा हिन्दी पर कविता
जो मैं देखती-सुनती और समझती हूँ, आपके दिल की धड़कनों से उसे ही आपके कर कमलों से निकाल कर एक रचना के... जो मैं देखती-सुनती और समझती हूँ, आपके दिल की धड़कनों से उसे ही आपके कर कमलों से...
किसी दौलत से नहीं खरीद सकते हम वह खुशियां। किसी दौलत से नहीं खरीद सकते हम वह खुशियां।